याद है जापान की सुनामी .तबाही का ऐसा भयानक मंजर मैंने अपनी ज़िन्दगी में नहीं देखा . इतनी बड़ी आपदा आयी . सब कुछ बर्बाद हो गया . पर उस आपदा में भी जापानियों का व्यवहार देखने लायक था . उन दिनों फेस बुक ऐसी पोस्ट्स से भरा हुआ था की जापानी संकट में कैसे व्यवहार करते हैं ........हर जापानी को पता है की किस संकट में क्या करना है ...भूकंप आये तो क्या करना है , सुनामी आये तो क्या करना है ? कहाँ भागना है ....शायद ये भी बताया जाता है की भागना नहीं है ........कैसे बचना है ....पहले बुज़ुर्ग निकलेंगे फिर बच्चे और महिलाएं ....... जापानियों को यह भी सिखाया जाता है की विपत्ति के समय सिर्फ और सिर्फ एक समय का भोजन ही एकत्र करना है ....और ये की बिकुल भी रोना , चीखना चिल्लाना या उत्तेजित नहीं होना है ......पैनिक नहीं होना है .......डरना नहीं है .......
हिन्दुस्तान आज तक अपने लोगों को ट्रेन में चढ़ना नहीं सिखा पाया ....ट्रेन रुकते ही टूट पड़ते हैं .......रोजाना भगदड़ के समाचार आने लगे हैं ......... अफवाह फैलने पे नमक जैसी चीज़ की भी hoarding करने लगते हैं ........ जिस मुल्क को आज तक थूकना हगना मूतना नहीं आया वो सुनामी और भूकंप में क्या करेगा .......
मोदी जी .....125 करोड़ wilder beasts का मुल्क हो गया ....... सबसे पहले पढ़ा लिखा के आदमी बनाओ भैया ...छोडो मंगल यान .......पहले हमको उठाना बैठना चलना , हगना, मूतना , थूकना , सड़क पार करना , कूड़ा फेंकना सिखाओ .......
नहीं तो रोजाना यूँ ही एक दुसरे को कुचलेंगे .....भगदड़ में मरेंगे .........