discovery चैनल से मैंने एक बात सीखी .......... अगर आप शेर के बच्चे हो तो ये ज़रूरी नहीं की आप भी शेर ही हो .......... कोई जन्मजात शेर नहीं होता ..........शेर बनना पड़ता है .........
discovery पे एक बड़ी मशहूर film है .....अक्सर आती है ........उसमे एक wildlife वैज्ञानिक को एक अनाथ टाइगर मिल गया था और उन्होंने उसे पाल लिया .........फिर जब वो वयस्क होने को आया तो उन्हें चिंता हुई की इसे तो jungle में छोड़ना पडेगा और ये तो जंगल के लिए फिट ही नहीं .......ये तो चूहा भी नहीं मार सकता ........ और वहाँ तो jungle है भैया .........और jungle बड़ा बेरहम होता है ...........
और फिर यूँ हुआ की उस वैज्ञानिक दंपत्ति ने उस टाइगर को दो साल तक जंगल में रहने का प्रशिक्षण दिया ........उसे शिकार करना भी सिखाया .......और जब उन्हें लगा की अब वो सब सीख गया है तो उन्होंने उसे collar पहना के छोड़ दिया .....और फिर 15 दिन बाद , जब वो उसे खोजते हुए आये , ये देखने की उनका लाडला कैसा है .....तो वहाँ झाड़ियों में सिर्फ वो collar मिला जिसमे transmitter लगा था ......लाडले को तो लकड़बग्घे मार कर खा गए थे अगले ही दिन .......... बचपन मखमली कालीन पे अगर बीता हो तो जंगल रहम नहीं करेगा .......जंगल में तो वही जियेगा और जीतेगा जो पहले दिन से ही काँटों में पला और हर दिन जो जान हथेली पे ले के घूमा ........ यही फर्क है मोदी में और राहुल में ......... मैं अपने बच्चों को हमेशा यही बताता हूँ की वहाँ एक jungle है और jungle बड़ा बेरहम होता है .......... jungle में जीना सीखो .......... |
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