Tuesday, October 7, 2014

26 september .......secularism अनाथ हो गया है

बहुत बुरी खबर है ........ jungle में बहुत से अनाथ बच्चे जो भूख से बिलबिला रहे थे ....वो जिनकी माँ उनको जन्म देते ही मर गयी थी ......कुछ ऐसे थे जिन्हें उनकी माँ छोड़ के अपने प्रेमी के साथ भग गयी थी ....... और कुछ ऐसे भी थे जिनकी माँ मरणासन्न थी .........और बहुत से ऐसे थे जिनकी माँ को दूध ही न उतरा ......... वो सब बच्चे अलग अलग species के ........... उनको एक माँ मिल गयी थी ........वो जिसके 18 जोड़ी थन थे .......और वो की जिसके थानों से दूध टपकता था ......वो जो की jungle में लेट के सब अनाथ बच्चों को दूध पिलाया करती थी ........ कितनी भोली थी वो ..... उसने कभी ये न देखा की भेड़िये पी रहे हैं या लकड़ बग्घे या फिर गधे या सूअर ........ चाहे आम हो या ख़ास , सबको पिलाती थी .......... यूँ कहते हैं की उसका दूध सूख गया है .........

पिछले तीन दिन में सिर्फ 2686 , 1462 रु और 3983 रु चन्दा उतरा है ....... एक वो भी ज़माना था जब करोड़ों आया करते थे ......... यूँ बताते हैं की जगत अम्मा को अब दूध नहीं हो रहा .....क्या होगा उन अनाथ बेसहारा बच्चों का ........

आम आदमी पार्टी मरणासन्न है ........चंदा मिलना बंद हो गया बताते हैं ....... क्या होगा अब कौमनष्टों का .....और कांग्रेसियों का .......गांधीवादियों का और समाजवादियों का ........और सभी seculars का .....वो जो चिपट गए थे आप की छाती से .......ये सोच के की यही रोक लेगा रथ ......थाम लेगा लगाम अश्वमेध के घोड़े की ..........

कल मैंने देखा की कुछ अनाथ तो फिर से secularism की सूखी चूंची चिचोर रहे हैं .........अरे नालायकों .....कब का सूख चूका है दूध secularism की छातियों में ........अब तो खून रिसता है ............

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