Tuesday, October 7, 2014

26 september ......फेसबुक से निकलेंगे प्रेमचंद

बहुत लम्बी लम्बी यात्राएं भी उस एक पहले कदम से ही शुरू होती हैं . वो जो अभी खड़े तक होना नहीं जानते , बड़ी मुश्किल से घिसट के चलते हैं , किसी की ऊँगली पकड़ के बमुश्किल खड़े होते हैं ..........और जब पहला कदम उठाते हैं तो लडखडा के गिर जाते हैं ........ मैंने देखा है उनको कुछ दिन बाद दुनिया की लम्बाई नापते हुए ......... 

आज मैं एक बात लिख रहा हूँ ........ इसे नोट कर लेना ......संभव हो तो सहेज लेना कहीं ......इस धरती पे आज तक जो कुछ भी लिखा गया .....जितना साहित्य लिखा गया उस से ज़्यादा अगले बीस सालों में लिखा जाएगा .......

एक बार सैदपुर, गाजीपुर में हमारे स्कूल में हिंदी के मूर्धन्य साहित्यकार श्री जितेन्द्र नाथ जी पाठक आये ......वो हाल ही में एक college के प्रिंसिपल पद से रिटायर हुए थे . मैंने उनसे कहा की बच्चों को कुछ बताइए .......वो कैसे लिखना सीख सकते हैं .......उन्होंने एक simple सा सूत्र दिया .....छोटे छोटे एक दो लाइन के सन्देश लिखो .....अपनी दैनिक डायरी लिखो ....दो चार लाइन में खुद को व्यक्त करो .....कविता की दो ही लाइन लिखो ....न हो तो तुकबंदी ही भिड़ाओ ......... स्कूल में बच्चों को लाख प्रेरित करने के बाद भी हम उन्हें ये न सिखा पाए ............

आज फेसबुक और twitter वही कर रहा है ....... बड़े सहज तरीके से कर रहा है .......लोगों में स्वतः स्फूर्त प्रेरणा आ रही है ........अक्सर मुझे युवा inbox में मेसेज करते हैं ....sir , आपका लिखा पढने में बहुत मज़ा आता है ........ मैं उनसे कहता हूँ आप भी लिखा करें .....झिझक होती है ......कोई बात नहीं एक लाइन का कमेंट ही लिखिए ........ बहुत से ऐसे बच्चों को मैंने देखा जो एक लाइन के कमेंट से शुरू हुए और अब 2-4 महीने बाद अच्छी खासी पोस्ट लिख रहे हैं .........

हमारी पूरी शिक्षा व्यवस्था हमारे छात्रों को जो चीज़ 10-15 बरस में नहीं सिखा पाती , वो फेसबुक और twitter महीने दो महीने में सिखा दे रहे हैं .........अभिव्यक्ति ............ और मात्र 6 महीने में मैंने अपने कुछ मित्रों को देखा जो बिलकुल नहीं लिखते थे आजकल क्या गज़ब का लिख रहे हैं ......... एक से एक बेहतरीन पोस्ट ........एक से एक किस्सागो निकल रहे हैं .........

आने वाले सालों में सैकड़ों नहीं हज़ारों लाखों " मुंशी प्रेमचंद " पैदा होंगे फेसबुक से ..........

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