Tuesday, October 7, 2014


26 september 

गाजीपुर में मेरे गाँव से कोई 10 किलोमीटर दूर एक गाँव है जहां का एक परिवार खानदानी पहलवान है . उसमे दादा बहुत तगड़े पहलवान हुए ......फिर उनके दो लड़के वो दोनों भी 100-100 किलो के रुस्तम हुए .......अब तीसरी पीढी में लड़के भरी जवानी में 60 किलो के हैं ........ यूँ ही बातचीत में मेरे बेटे ने एक दिन पूछ लिया की यहाँ UP में जितने पुराने बड़े पहलवान हुए उनके बेटे क्यों सब 60-70 किलो के रह गए ?

मैंने उसे बताया की तुम्हारे दादा जी , यानि मेरे पिता जी 5 फुट 3 इंच के थे ........ उनका विवाह हुआ सहारनपुर यानि मेरी ननिहाल गाजीपुर से कोई 900 km दूर सहारनपुर में है ........ मेरी height हुई 5 फुट 8.5 इंच ........... फिर मेरी शादी गाजीपुर से कोई 1200 km दूर जालंधर में हुई ........ तुम्हारी height 6 फुट 2 इंच है .......... यानि हर पीढी में औसत 5-6 इंच की वृद्धि ........ दादा जी 60 किलो के पहलवान थे , मैं 82 किलो का हुआ दिग्विजय 114 किलो का हुआ .......... औसतन हर पीढी में 20-30 किलो की वृद्धि ........

समझे बेटा ? ये genetic साइंस है ........ इसको हमारे पूर्वज आज से हज़ारों साल पहले भी समझते थे .........दुहिता दुर्हिता दूरेहिता भवतीति .......निरूक्‍त....... हमारे पूर्वज आज से हज़ारों साल पहले भी ये समझते थे की बेटी की शादी दूर .........बहुत दूर .......करनी चाहिए .......... महाभारत काल में दिल्ली वालों की ससुराल इरान , अफगानिस्तान , चीन और मंगोलिया तक होनी बतायी गयी है ..........

पर फिलहाल हमारे यहाँ गाजीपुर में सादी बियाह 2-4 किलोमीटर में हो रहा है .......बहुत हुआ तो 10-20 km दूर चले गए ........ 40-50 km को तो बहुत ज़्यादा दूर मान लिया जाता है ......... शायद यही कारण है की संतानें शारीरिक रूप से कमज़ोर होती जा रही हैं ....... रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम ......मेधा और बुद्धि पे भी इसका असर होता ही है .......

हमने बेटे को समझा दिया है .....कम से कम 1600 km .......इस से ज़्यादा 16, 000 km भी हो जाए तो परवाह नहीं .......... पहलवानी में super heavy वेट अब 125 kg तक हो गया है ........

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