Saturday, September 27, 2014


23 अगस्त .......हिंदुत्व छुट्टा सांड है .....इसे मत बांधो .....मर जाएगा 

मुसलामानों और सिखों की temporal seats हैं .....मक्का मदीना और अकाल तखत जैसी ...... जो अपने अनुयायियों को जब चाहे summon भेज के बुलवा लेती हैं .... फतवे जारी कर देती हैं ....... जात धर्म से बाहर कर देते हैं । हुक्का पानी बंद कर देते हैं । सरदार जी लोग तनखाइया घोषित कर देते हैं । फिर मुजरिम की तरह पेशी होती है । charge sheet पढ़ के सुनायी जाती है । और फिर सज़ा सुनाई जाती है । सरदार जी सारा दिन गुरुद्वारे में बैठ के जूता पॉलिश करते हैं । मियाँ जी लोगों को तो शरिया अदालत पटक के मारती है ...... मारो साले को । मियाँ जी को नंगा कर के हंटर से पीट़ा जा रहा है । ज़मीन में गाड़ के पत्थर मार मार के मुआ दिया । इतना आतंक है इन seats का ।

कुछ साल पहले एक महा cute हिन्दू नेता ने बयान दिया की हम हिन्दुओं की भी कोई ऐसी सर्वोच्च संस्था होनी चाहिए । ऐसी संस्था जो मुझ जैसे भ्रष्ट पापी हिन्दुओं को कालर से पकड़ के अपने सामने पेश कर सके ......... sir ये देखिये ,ये नव रातर में टुंडे कबाबी के यहाँ कबाब परांठा खा रहा था ....... चलो अजीत सिंह ...... हाजिर हो ......

हमने अपने blog पे उस हिन्दू नेता को लिया तरिया ..........लिया शुद्ध फ़ारसी भोजपुरी में दस लात ...... तू कौन बे ? तू और तेरा शंकराचार्य .......और तेरी सिद्ध पीठ .......साले दाढ़ी उपार के पिछवाड़े में घुसेड देंगे ...... साले तुम होते कौन हो बे ? हमारे religious conduct को regulate करने वाले । हम तो बेटा यूँ ही खड़ा हो के मूतेंगे और नंगे नहायेंगे । तुम दखलंदाजी करोगे तो घूम घूम के मूतेंगे । हमारा हिंदुत्व हम खुद define करेंगे । regulate करना होगा तो self regulate करेंगे । अच्छे बुरे का निर्णय हम करेंगे ......अपने बुद्धि विवेक से करेंगे ।
हिंदुत्व की यही एकमात्र quality है जो उसे अन्य सभी धर्मों से अलग करती है और श्रेष्ठ बनाती है ......हिंदुत्व की स्वतंत्रता ...... आजादी ......पूजा पद्धति की आज़ादी , आराध्य चुनने की आजादी .....पवित्र पुस्तक चुनने की आजादी ......और आलोचना और तर्क करने का अधिकार ....सबसे बड़ा ,नकार देने का अधिकार । हिंदुत्व एक मात्र ऐसा धर्म है जो नित नया होता है ......evolve होता है ......समय के साथ बदलता है ..... समय के साथ चलता है ..... बल्कि कई बार तो समय से आगे चलता है .....
छुट्टा सांड है हिंदुत्व ....... इसको छुट्टा ही घूमने दो । चरने खाने दो । मत बांधो किसी खूंटे से . जिस दिन इसे बाँध दोगे , मर जाएगा ।

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