Thursday, September 25, 2014


24 घंटे में सुना है की काफी कुछ बदल जाता है . 
परसों शाम को मुग़ल सराय से तिनसुकिया पकड़ी . दिल्ली होते हुए जालंधर आना था . दिल्ली आते आते ट्रेन 5 घंटा लेट हो चुकी थी . दिल्ली आ के इस सीज़न की पहली बारिश देखी . वरना अब तक तो सिर्फ सुनी थी की हाँ फलां जगह बरसा . कल झूम के बरसा दिल्ली में . मूसलाधार . पुरानी दिल्ली स्टेशन से मेट्रो गया . वहाँ देखा तो य्य्य्ये लम्बी लाइन . सोचा ऑटो ही पकड़ लेता हूँ ........ पीछे से आवाज़ आई .....अजीत जी ........पहले तो ध्यान न दिया .......... अजित जी  ........अजित जी ....... मैंने पीछे मुड़ के देखा .........कोई न था ........अजित जी ...... एक लड़के ने wave किया ...... आप अजित जी हैं न . जी हाँ . हूँ तो . पर आप कैसे जानते हैं मुझे ? facebook वाले अजित जी ....... उसने मुझे पहचान लिया . आपकी फोटो से पहचान लिया . अरे फेसबुक की फोटो तो धुंधली सी होती है .....अजी नहीं बहुत स्पष्ट होती है ......... 5 मिनट यूँ ही खड़े खड़े बात हुई . नाम याद नहीं . मैंने कहा मेसेज करना . पहले तो अच्छा लगा पर बाद में मुझे कुछ चिंता भी हुई . लोग पहचानने लगे हैं .
अब तक तो लोग सिर्फ गरियाते थे . अब धमकाने लगे हैं . पिछले दो दिन से inbox में 5 message आ चुके हैं . लोगबाग भोजपुरी में धमका रहे हैं . अरे मान जा ...... बहुत जिन उड़ा ...... अरे मुआ देहि ....... गायब करवा देहि ...... अरे ठाकुर हउआ यार .....कुछ त लिहाज करा ........
पहले सिर्फ commi और कठमुल्ले ही गरियाते थे .फिर आपिये गरियाने लगे . फिर कुम्भ नहाने वाले भी गरियाने लगे . गौ भक्त गरियाते हैं . शिव भक्त और गणपति पूजन वाले भी गरियाते हैं ......... गंगा भक्त भी गरियाते हैं ........ कल को दहेज़ लेने वाले भी गरियाएंगे . निर्मल बाबा के चेले भी है फेसबुक पे ........ वो भी गरियाएंगे . साईं भक्त भी हैं . शंकराचार्य के चेले भी हैं ......... कठहिन्दू भरे पड़े हैं .........
बड़ा नाज़ था सोशल मीडिया पे . एक अदना से आदमी को जुबां दे दी सोशल मीडिया ने . मैं बड़े गर्व से कहता था ..........बोल , कि लब आज़ाद हैं तेरे . मैं एक नाचीज़ , भी बोल सकता हूँ ........ कोई सुने न सुने , बोल तो सकता ही हूँ ........ हिजड़ा है main stream media ......... सबको सिर्फ खुश करने के लिए ही लिखता है ........ बस इतना लिखो की कोई नाराज़ न हो जाए . यहाँ तक की monkey man और मुहनोचवा को जो लोग मानते हैं उनकी भावनाओं का भी आदर करो ......... शोभन सरकार को सपना आया और डौंडीया खेडा में 1000 करोड़ के खजाने के लिए खुदाई शुरू हो गयी . मीडिया शोभन सरकार के चेलों की भावनाओं की भी कद्र करता है .......उनकी भी भावनाएं हैं ........कही ठेस न पहुंचे . भावनाओं का ठेकेदार हो गया है मीडिया ........
अब इतनी गालियाँ और धमकियां सुनने के बाद सोचता हूँ की मैं भी अखबार ही बन जाऊं . सबको खुश करने के लिए ही लिखूं . अरे भैया , जान है तो जहान है . कोई 2000 रु दे के किरपा लेने तालकटोरा स्टेडियम जाता है और वहाँ से समोसे के साथ हरी चटनी का उपाय ले के आता है तो तुम क्यों भसड़ करते हो अजित सिंह .......... दुनिया तो कर ही रही है , तुम भी करो न बाबा जी के चरनों में कोटी कोटी परनाम .......... काहें साले को बड़का क्रांतिकारी बन रहे हो ?
बाबा जी के चरनों में कोटी कोटी परनाम .........

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