Thursday, September 25, 2014


होते हैं । SBI सैदपुर से यदि आपको कोई transaction करनी है तो आपको 5 - 6 घंटे लग जाते हैं । हर बैंक अपनी क्षमता से 10 गुना ज़्यादा खाते दारों को सेवा देता है । कसबे के बैंक आसपास के सैकड़ों गाँवों को सेवा देते हैं । वर्तमान में जो खाते हैं उन्हें उत्कृष्ट सेवा देने के लिए कम से कम 100 बैंक शाखाएं और चाहिए और इतने ही ATM ........ ऐसे में मोदी सरकार धन जन योजना launch कर रही है आज । हर घर में दो खाते । मोदी जी ........किस बैंक में खोलोगे ये खाते ? किस परिसर में दोगे उन्हें सेवा ? मोदी जी , पहले बैंकों से बोलिए कि वो ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाये खोलें ......ATM खोलें ......इसके लिए पहले गाँव में उत्कृष्ट high स्पीड internet connectivity देनी होगी ....... फिर खाते खोलियेगा .......


august 28

आज से कोई 6 - 7 साल पुरानी बात है । हम दोनों पति पत्नी insurance सेक्टर में काम करते थे । दोनों के दफ्तर एक ही building में आस पास ही थे । धर्म पत्नी का ब्रांच मेनेजर मेरा पक्का दोस्त था । एक दिन मैं उनके दफ्तर में पहुंचा तो देखा कि सभी कर्मचारी एकदम तन्मयता से काम कर रहे हैं । कर्म ही पूजा है । आराम हराम है । पूरी ब्रांच के तकरीबन हर टेबल पे जूठी प्लेटें गिलास बचा हुआ खाना पडा था । पिछली शाम ब्रांच में पार्टी हुई थी । सुबह सफाई कर्मी आया नहीं सो शादी के बाद बरात लौट जाने के बाद वाला दृश्य था । फिर भी पूरा स्टाफ सच्चे कर्मयोगी सा काम में जुटा था । मैं पहुंचा घूमता फिरता । नज़ारा देखा । मैंने अपनी पत्नी के कान में धीरे से कहा ....... इसे मैं साफ़ करू या तुम करोगी । देख लो ...... अगर मैं करूंगा तो तुम लोगों की ज्यादा बेइज्जती होगी ।
एक आज्ञाकारी पति पारायण पत्नी की तरह madam तुरंत जुट गयी । ब्रांच में दो लडकियां और थी । वो भी लग गयी । देखा देखी मर्दों को भी शर्म आई । वो भी जुट गए । कोई वाइपर उठा लाया कोई फिनायल और किसी ने पोंछा हाथ में उठा लिया । 5 मिनट बाद पूरा ऑफिस चम् चम् चमक रहा था । मेरा मित्र शर्मिंदा भी था और मंद मंद मुस्कुरा भी रहा था ।
मेरे एक मित्र कनाडा में रहते हैं । वो बताते हैं की वहाँ ऑफिस में कोई helping स्टाफ नहीं होता न कोई सफाई कर्मी । प्रतिदिन एक कर्मी की ड्यूटी लगती है । वो उस दिन आधा घंटा पहले आता है और पूरे दफ्तर और toilets की सफाई करता है । यहाँ तक की कंपनी के मालिक की भी बारी आती है ।
ABP न्यूज़ पे दिखा रहे हैं । Operation Toilet . लडकियां कहती हैं शौचालय नहीं है । है तो गन्दा है । जाम पड़ा है । दरवाजा टूट गया है । मोदी कहते हैं पूरे देश में शौचालय बनाओ । ऐ टाटा बिडला अम्बानी डालमिया ......शर्म करो । टाटा बनवा तो देंगे । शौचालय बन तो जाएगा । पर उसके बाद एक बड़ी गंभीर समस्या आन खड़ी होगी । मोदी को उसके बारे में भी सोचना होगा ।
समस्या ये है कि हगने के बाद गांड धोनी भी पड़ती है । धोएगा कौन ? हिंदुस्तानी बड़ा शुचिता पसंद होता है । धोएगा तो हाथ गन्दा हो जायेगा । कौन करेगा अपने हाथ गंदे ? मोदी को corporate world से एक और अपील करनी चाहिए । ऐ रतन टाटा ......पहले शौचालय बनवाओ फिर वही बैठ के ड्यूटी दो । धोनी भी तुम्ही को है ........ या फिर मोदी खुद आ के धोएं .....मैं तो भैया खुद नहीं धोउंगा ......

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