Thursday, September 25, 2014


दोस्तों ......मैं अक्सर बिहार को और बिहारियों को गरियाता हूँ । आज भी मैंने ऐसी ही एक पोस्ट लिखी है । एक मित्र हैं shwet suman जी ......... बहुत नाराज रहते हैं मुझसे ....... उनसे बर्दाश्त नहीं होता ...... बहुत कडवी लगती है मेरी पोस्ट । एक और हैं । भाई shivi snigdha जी । उन्होंने भी आज पोस्ट पढ़ के comment box में मुझे खूब गाली दी ...... मुझे अच्छा लगा। मेरी पोस्ट का उद्देश्य पूरा हुआ । ये पोस्ट लिखी ही इसलिए थी की बिहारियों को चुभे ।
ऐ बिहारी मित्रों , पता नहीं आपको बिहार की दरिद्रता चुभती है या नहीं । मुझे बहुत चुभती है । इसीलिए लिखता हूँ ......
मैं भी वृहद् बिहार का ही रहने वाला हूँ । पूर्वी UP का ......... जन्म ,लालन पालन ,शिक्षा दीक्षा और नौकरी राजस्थान हरियाणा पंजाब में हुई । पहली नौकरी दिल्ली में नेहरु स्टेडियम में मिली । तीन महीने की नौकरी को लात मार के ,दो महीने के बेटे को गोद में उठाये पनजाबिन पत्नी को साथ ले के गाजीपुर चला आया । लालन पालन बेशक पंजाब में हुआ पर DNA तो गाजीपुर का ही था ।
मैंने गाजीपुर के एक गाँव में बैठ के ग्रामीण बच्चों को पेड़ के नीचे बैठा के 15 साल पढ़ाया है ? तहसील सैदपुर जिला गाजीपुर के इतिहास में आज भी दर्ज है कि अजित सिंह और मोनिका सिंह ने सर्व प्रथम यहाँ उच्च कोटि की अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा की व्यवस्था की । जो सबसे पहला बच्चा मेरे पास पढने आया उसका नाम आशुतोष सिंह था । वो आज indian army में major है । ये सिर्फ एक नाम है । उसके अलावा आज मेरे पढाये सैकड़ों लड़के तो engineer doctor हैं । मेरे एक छात्र ने एक दिन मुझे australia से फोन किया । वो वहाँ citi bank में है ।
आज मेरे बिहारी दोस्त जो आजीविका के लिए दिल्ली banglore रहते हैं और मगध पाटलीपुत्र की यश गाथा गाते है ..... उनसे एक सवाल ..... क्या योगदान है आपका बिहार के विकास में ? क्या किया आपने बिहार को वो पुराना गौरव वापस दिलाने के लिए ? क्या किसी गरीब बिहारी बच्चे को कोई scholarship दी अपने 10 लाख के पैकेज में से ? साल में 2 महीने की छुट्टी ले के किसी गरीब से स्कूल में maths पढाई ? भोसड़ी के ? अजित सिंह को उपदेश देते हो ?

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