Thursday, September 25, 2014


विशाल भारद्वाज की कालजयी रचना " मकबूल " में एक दृश्य है ....... जिसमे तब्बू इरफ़ान से कहती है की वो माँ बनने वाली है .......
इरफ़ान : तुम जहांगीर के साथ आख़िरी बार कब सोयी थी ?
तब्बू : तुम्हारा है मियाँ ........... पर तुम कहोगे तो गिरवा देंगे ........
उसके बाद जब तब्बू जहांगीर की ह्त्या के अपराधबोध में जल रही है , वो कहती है अपने गर्भस्थ शिशु के लिए ..........
हमेशा रोता रहता है ....... हमने इसके बाप को मारा है न .........
इरफ़ान तब्बू को एक झापड़ मारता है और चीख के कहता है .......... ये बच्चा मेरा है ........
मंगल यान मंगल गृह तक पहुँच गया . हिन्दुस्तान ये decide नहीं कर पा रहा की बच्चा किसका है ........ नेहरु का ...... या मनमोहन सिंह का ....... मोदी का तो हो नहीं सकता ......इतना तो तय है .......क्योंकि अभी तो बियाह को ही सिर्फ चार महीने हुए हैं ......
और न मोदी मोहल्ले भर में ये कहते फिर रहे हैं की मेरा है ....... मेरा है
अलबत्ता दिग्विजय सिंह ये जरूर कहते फिर रहे हैं की हमारा है , हमारा है ......
मेरा सुझाव है कि आगे से जब भी नयी दुल्हन और नयी सरकार बने तो पहले pregnancy test कराओ ...... ये तेरा है , मेरा है का झगडा अच्छा नहीं लगता ........

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