Saturday, August 9, 2014

आज से कोई 15 बरस पुरानी बात है । हमारी गाय ने बछडा दिया । बहुत ही सुन्दर और हृष्ट पुष्ट । पिता जी फौजी अफसर रिटायर हुए थे सो जमीनी हकीकत से वाकिफ न थे । बोले इसको सांड बना के इलाके में छोड़ देंगे । लोगों ने बहुत समझाया , बोले क्यों मुसीबत मोल लेते हो ..... पंगे मत लो । पर वो कहाँ मानने वाले थे । गाय का पूरा दूध उसी को पिला देते थे । और वो भी 10 लीटर दूध पी के क्या मोटाया था । सो भैया जब वो डेढ़ दो साल का हो गया तो उसे बाकायदा वैदिक रीति से हवन पूजन कर के धूम धाम से सीवान में छोड़ आये ..... इस कामना के साथ की जाओ बेटा समाज का कल्याण करो । पिता जी बड़े प्रसन्न थे । समाज का कल्याण करके ।

पर क्या देखते है की बेटा जी दो घंटे बाद गेट पे हाजिर है . पिता जी बोले जाओ बेटा जाओ .... परिवार का मोह मत करो । पर बेटा कहाँ मानने वाला था । उसने वही गेट पे ही धरना दे दिया । और फिर सामने वाले खेत में चरने लगा । अब पिता जी घबराए । अब सुनो गाँव भर का ओरहन ...... हांक के आये .....वो फिर हाजिर । ज़रा सा मौक़ा पाता और गेट खोल के अन्दर । बुढाऊ ने हफ्ता भर तो बर्दाश्त किया फिर तंग आ गए । दो मजदूर किये और उसे गाँव से कोई बीस किलोमीटर दूर छोड़ के आये । बेटा जी 3 दिन बाद फिर हाजिर । जगह जगह चोटों के निशाँ । लोगों ने मार मार के बुरा हाल कर दिया था । हम सब परेशान । अब क्या करें । गाँव में रहता तो जिसका खेत खाता उसका उलाहना सुनो । किसी ने सलाह दी की truck से बनारस पार छुडवा दीजिये । छुडवा दिया । 10 दिन बाद बेटा जी फिर हाजिर । अब पिता जी का सांड हमारे गले का असली बवाल हो गया । महीना भर बाँध के खिलाया । पर वो भी कोई आसान काम थोड़े न है । गोशाला वालो से बात की । उन्होंने साफ़ मना कर दिया । अंत में एक आदमी बोला , इसे नाव में चढ़ा के गंगा पार करा दीजिये । नदी तैर के वापस नहीं आएगा । तो भैया उसको नाव में बैठा के गंगा पार उतार आये । और कोई दो महीने गेट की और ताकते रहते थे की लौट तो नहीं आया ।

पर इस कहानी का अंत यूँ ही नहीं हुआ । जब हम उसे गंगा पार करा रहे थे तो अन्दर से हम सब जानते थे की हम क्या कर रहे हैं । हम उसे गंगा पार छोड़ आये .......ये जानते हुए भी ,की उस पार कसाई घूमते फिरते है ......यूँ ही ..... लावारिस बछड़ों की तलाश में ....... और उसे छोड़ आये हम उस पार ..... अपने बेटे की तरह पाला था उसे .......




NASA discovery यान को दुबारा design कर रहा है । उसमे इस बात पे मंथन चल रहा है की टायर में 180 pound हवा भरे या 220 ? या 400 पौंड ? अब इसका क्या जवाब दोगे भैया ? समझदार होगे तो यही कहोगे की हमको कोई जानकारी नहीं । किसी aeronautical engineer से पूछो । पर मुझे विश्वास है की हिन्दुस्तान में हर वो चूतिया जिसने कभी अपनी cycle में भी अपने हाथ से हवा नहीं भरी वो इसमें कूद पड़ेगा ।मेरे दादा ने कहा था की आगे 32 पीछे 40 ....... एकदम एक्सपर्ट बन जाएगा ।

मैंने कहा की गोरक्षा कैसे होगी ये किसान को decide करने दो । जिसको बैल और सांड का अंतर नहीं पता वो क्या बताएगा की गोरक्षा होनी चाहिए या नहीं ....... एक भाई कहता है की राजीव दीक्षित कह गए हैं की एक गाय 2करोड़ 19 लाख रु देती है अपने जीवन काल में । एक ने कहा की गाय का मूत 1200 rs लीटर के हिसाब से एक्सपोर्ट कर दो । एक बोलता है की कोई ऐसी टरबाइन बनाओ जिसे सौ दो सौ बैल चलाये उस से बिजली बनाओ । एक बोल्या बैलगाड़ी चलाओ । एक बोल्या tractor combine ban कर दो । उसकी जगह बैल से खेती करो ......एक बोल्या गोबर गैस cylinder में भर के बेचो । बछड़े जंगल में छोड़ दो । एक बोल्या शेर पाल लो वो खा जायेगा पर slaughter मत करो । एक बोला सांड पाल लो और उसके गोबर से उपले पाथ लो खर्चा निकल आएगा ।

मेरा कहने का मतलब ये है की भैया आप लोग non technical लोग हो। आपको कृषि और पशुपालन की ABC नहीं पता । क्यों ज्ञान छांट रहे हो भैया । जिंदगी में पानी के नज़दीक गए नहीं और swimming coach बन रहे हो ?

जो दिन रात गाय पालता है ......खिलाता पिलाता है .....गोबर खाद पानी सब कर रहा है उसको decide करने दो भैया ...... सरकार पे गलत दबाव् मत बनाओ ... कृषि और dairy farming गंभीर मसले हैं । देश की economy , food security ,GDP ,और देश से भविष्य से जुड़ा हुआ मसला है । इतने गंभीर मसले पे non technical लोग प्रलाप कर रहे हैं ।

मेरा सिर्फ इतना कहना है की उसको निर्णय लेने दो जिसका विषय है ...... देश की सुरक्षा की चिंता करने का हक आपको है पर सरकार को ये मत पढ़ाइये की सियाचीन में 2000 फौजी deploy होगा या 20000 ...... ये आपका विषय नहीं ।

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