Saturday, August 9, 2014

तीन साल पुरानी बात है ........ एक सज्जन से मिलने उनके घर गये थे ......... सामान्य सा , माध्यम वर्गीय , बेहद भारतीय किस्म का परिवार ........उनके घर की महिलाएं किसी विवाह में जाने की तैयारी में थी . हम उनके यहाँ सिर्फ दस मिनट बैठे . ड्राइंग रूम से निकल के बाहर आये तो महिलाएं गाडी में बैठने की तैयारी में थी ..........

साक्षात टीवी सीरियल सामने उपस्थित था ........ एक नव विवाहिता साड़ी के ऊपर सिर्फ ब्रा पहन कर ही चल पडी थी ........ अपन तो हक्के बक्के रह गए ......... श्रीमती जी ने ठेल के बाइक पे बैठाया .....चल पड़े ........... मैंने कहा , अरे सिर्फ ब्रा पहन के चल पडी ? ब्लाउज क्यों नहीं पहना ?

अरे बुद्धू .....वो ब्लाउज ही था .........

ब्लाउज था ? तो फिर ब्रा कैसी होती है ?

आजकल ऐसा ही ब्लाउज पहना जाता है .........

अच्छा ...... पर ये बताओ की ब्रा नुमा ब्लाउज है की ब्लाउज नुमा ब्रा है ? लडकी ब्रा के पैसे बचा रही थी या ब्लाउज के ?

उस दिन मुझे ये अहसास हो गया की अजित सिंह , अब तुम पुराने पड़ गए हो ........ ज़माना आगे निकल गया ........

आज एक सांसद ने भरी संसद में महिलाओं से बदतमीजी की है .......... मैं उसकी घोर निंदा करता हूँ ( TV तो कर ही रहा है .......मैं क्यों पीछे रहूँ ) वो होता कौन है बहू बेटियों से रिक्वेस्ट करने वाला की मर्यादा में रहे ...... लडकी नए ज़माने की है ....... ब्रा पहन के घूमे , ब्लाउज पहन के घूमे या कुछ भी न पहने ..........मैं या वो सांसद होता कौन है बहू बेटियों को संस्कार या उपदेश देने वाला ....... bloody male chauvinist pig ........... backward घटिया गंदे लोग .........

घूमो बेटा , नंगी हो के घुमो .........

हम साले होते भी कौन हैं तुम्हे मना करने वाले ...........

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