Saturday, August 9, 2014

सहरसा से अमृतसर एक ट्रेन आती है ......... जनसेवा ........पूरी गाडी general डिब्बों की होती है ....... कोई पंजाबी उस गाडी में बैठना नहीं चाहता .........भइयों की गाडी कहते हैं उसे ........उन्हें बदबू आती है उस गाडी से और उस गाडी में बैठने वालों से .........

ऐसा नहीं है की आप्रवासी मजदूरों का पलायन सिर्फ UP bihar से ही होता है ........... बिहारी सहरसा से चलता है तो पंजाब, दिल्ली या गुजरात जाता है ............ पंजाबी भी पलायन करता है ........वो जब जालंधर से चलता है तो दुबई उतरता है या बिर्मिंघम .........जैसे पंजाबी बिहारी मजदूर को हिकारत से देखता है .....गाली देता है ......कहता है ...साले भैये ......जालंधर को गंदा कर दिया सालों ने ........

यही पंजाबी जब बिर्मिंघम जाते हैं तो वहाँ अंग्रेज इन्हें देख के नाक भौं चढाते हैं ......... bloody dirty indian ........ सूअर साले ..........ये भी वहाँ ghettoes में ही रहते हैं ......... illegal immigrants की तो बहुत ही दुर्दशा है ........ इतनी की बयान नहीं की जा सकती .......जहां पंजाबी रहते हैं , अँगरेज़ उस सड़क से गुजरना पसंद नहीं करते ......... बदबू आती है उन्हें उस इलाके से और उसमे रहने वालों से ..........

आप्रवासी मजदूर क्यों जाता है कहीं दूर ? गरीबी ले जाती है .....मजबूरी ले जाती है ........ कौन जाना चाहता है परिवार से दूर ? बिहारी मजदूर यहाँ जालंधर में आ के रिक्शा चलाते हैं ........ खा पी के आराम से दस हज़ार बचा लेते हैं ........एक रिक्शे वाले से यूँ ही मैंने एक बार आधा घंटे बात की थी ......... गुवाहाटी का था ......बोला भैया जिस दिन तीस हज़ार इकट्ठा हो जाता है घर चला जाता हूँ .......हर तीन महीने पे घर जाता हूँ 15 दिन के लिए ........reservation करा के आता जाता हूँ ........ वहाँ रह के हर महीने दस हज़ार नहीं बचता .........यहाँ आराम से 400-500 की दिहाड़ी बन जाती है .
पंजाबी मजदूर इंग्लैंड अमेरिका जा के हर महीने खा पी के लाख रु बचा लेता है ......... एक पौंड 100 रु का है ......वही 100 रुपया खींच के ले जाता है ......... सुना है की 1947 में डॉलर एक रु का था ...... आज भी कर दो ....कोई नहीं जाएगा ...... गुवाहाटी और सहरसा वाले के लिए वहीं खा पी के दस हज़ार बचाने का जुगाड़ कर दो ....कोई जालंधर नहीं आयेगा ........ पटना हो या पटियाला ....समस्याएं वही हैं ....... विकास ही हर समस्या का हल है ..........




4 august 2014 .........

अभी एक पोस्ट लिखी है बिहारियों पे । जहाँ जाते हैं गंद फैलाते हैं । पिछले दिनों दिल्ली में भी जितनी गंदगी फ़ैली या यूँ कह लीजिये की रायता फैला ,सब बिहारियों का ही फैलाया हुआ है । हम up बिहार को गरियाते थे की साले घटिया सरकार बनाते है । घटिया लोगों को चुनते हैं । पर पिछली बार तो दिल्ली ने भी अपनी चुनरी पे दाग लगवा लिया । घटिया लोगों को चुन लिया । भगोड़ों को चुन लिया । तो भैया ये जान लीजिये की ये गंदगी भी बिहारियों ने ही दिल्ली में फैलाई । जी हाँ .......दिल्ली में आम आदमी पार्टी का core vote bank बिहारी ही है । पंजाब में बिहारी वोटर पहले कांग्रेस को वोट देता था पर इस बार उनका एक मुश्त वोट AAP को मिला ।
दिल्ली की राजनीती पे बिहारियों का कब्जा है । इस तथ्य को स्वीकार कर bjp ने सबक लिया और मनोज तिवारी और उदित राज को उतार कर बिहारी वोट बैंक में सेंध लगा ली ।

बिहारियों ने अपनी राजनैतिक गंदगी उत्तर भारत में फैला दी है । मुसलमानों की तरह ghettoes में रहते हैं । ghetto मानसिकता में जीते हैं ......और एकमुश्त वोट देते हैं भेड़ बकरियों की तरह .....मुसलामानों की तरह ..... विधान सभा के चुनाव में किसी पार्टी को किसी वर्ग विशेष का 5 - 10,000 वोट मिल जाए तो बाजी पलट जाती है । सभी राजनैतिक दल इन वर्गों को तेल लगाते हैं ,इनके वोटर कार्ड और राशन कार्ड बनवाते हैं । बंगलादेशी , मुसलमान के बाद एक मुश्त वोट देने वाला एक तीसरा वर्ग तैयार हो रहा है देश में ..... बिहारी ।

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