Saturday, August 9, 2014

आज से कुछ साल पहले जम्मू में Amarnath ji के मुद्दे पे तीन महीने हड़ताल रही थी ........इत्तेफाक से उसी समय मैं सपत्नीक अपने एक मित्र से मिलने जम्मू चला गया ......... अपने जीवन में मैंने ऐसी बंदी और ऐसी हड़ताल , वो भी इतनी लम्बी और इतनी सफल नहीं देखी ......... इतनी लम्बी हड़ताल और लोगों का इस कदर जनसमर्थन .......... एक बारगी तो कश्मीर घाटी में ऐसा लगा की वहाँ तो दाने दाने को तरस जायेंगे लोग .....पूरा embargo वाला माहौल बन गया था .......... महबूबा मुफ़्ती ने बयान दिया की हमें नहीं चाहिए हिन्दुस्तान की खैरात ........ तुम अगर गेहूं चावल नहीं भेजोगे तो हम भी अपना सेब नहीं भेजेंगे ......... मेरे एक मित्र , जो वहाँ एक अंग्रेजी दैनिक के एडिटर हैं उन्होंने इसपे एक संपादकीय लिख मारा ......... पूछा की महबूबा जी ......नहीं चाहिए दिल्ली मुंबई ? अपना सेब कहाँ भेजोगी ? मुज़फ्फराबाद ? या पकिस्तान ? पकिस्तान की है औकात , तुम्हारा 150 रु किलो का सेब खाने की ??????? अरे बहन जी ये दिल्ली मुंबई और बंगलोर पूना वाले हैं जो तुम्हारा सेब खाते हैं .......... पकिस्तान में तो तुम्हारी दागी टूटन और झाड़न भी नहीं खपेगी .......... शुक्र करो की हिन्दुस्तान तुम्हारा सेब खाता है .........

हिन्दुस्तान के हिन्दुओं से बड़ी चूतिया कौम इस धरती पे नहीं हुई ......... अबे साले एक साल नहीं जाओगे amarnaath पूजने, तो क्या मर जाओगे ? यूँ भी तो मूर्ती और फोटो ही पूजते हो साल भर ........... इन कश्मीरी कटुओं को आदमी बनाने का सबसे बढ़िया तरीका है ......सिर्फ एक साल amarnath यात्रा पे मत जाओ और एक साल सेब मत खाओ ..........न इन सालों की औकात समझ में आ गयी तो .........फिर इन्हें पता चलेगा की अमरनाथ यात्रियों से और लंगर वालों से कैसे होता है झगडा ...........


कोई महीना भर पहले मैंने एक पोस्ट में लिखा था की जिन चूतियों से घर में एक अदद बीवी और दो लौंडे नहीं सम्हल रहे , 35-35 किलो के ......... वो फेसबुक पे मोदी को सिखा रहे हैं की 125 करोड़ लोगों का देश कैसे सम्हालना है ........
कल सुनते हैं की भारत ने UNO में किसी मसले पे इजराइल के खिलाफ वोट दिया ......... बस भाई लोग खफा हो गए ........ जिन्हें जूजी पकड़ के अभी ढंग से मूतना भी नहीं आता वो अब हमें विदेशनीति पढ़ाएंगे ??????? अरे भैया ........ कुछ ऐसे मसले होते हैं जो ज़रा ऊपर के लेवल के होते हैं .......उनमे विदेश , रक्षा और वित्त ये तीन विभाग आते हैं .......... इनमे स्वतंत्र टिप्पणी करने वाले स्वयंभू टिप्पणीकारों को ज़्यादा भसड़ नहीं करनी चाहिए .........

No comments:

Post a Comment