Saturday, August 9, 2014

गाँव में एक किस्सा कहते हैं ....... एक लड़का खडा हो के मूत रहा था ...... एक बुजुर्ग ने देखा उनको बड़ा बुरा लगा . पहुँचे उसके घर शिकायत ले के ........क्या देखते हैं की उसका बाप घूम घूम के मूत रहा है ...... बुजुर्ग बड़े निराश हुए उनको लगा की लड़का तो बाप की तुलना में बहुत शरीफ है , सभ्य है ......... पहुंचे उसके दादा के पास ......वो पेड़ पे चढ़ के मूत रहा था ........ अब किसकों करोगे कंप्लेंट ?

पडोसी पकिस्तान का भी यही हाल है ......... आम तौर पे लोगों का एक बाप होता है .......अलबता अम्मा कई हो सकती हैं .....पाकिस्तान में उलट है ....पाकिस्तान के कई बाप हैं ........ एक तो सरकार है .....उसके बाद एक बड़ा बाप है ......पाकिस्तानी फ़ौज ....वो सरकार की नहीं सुनती ......... फिर एक तीसरा बाप है .....ISI .......वो न सरकार की सुनती है न फ़ौज की ......... इसके बाद इन्होने एक चौथा बाप भी पाल रखा है ......... पकिस्तान का जिहादी element ......... वो भी न सरकार की सुनता है , न फ़ौज की और न ISI की ........ इन सबका एक और बड़ा बाप है ........पकिस्तान की जनता ..... उसको भी जिहाद बड़ा पसंद है ....... जिहादी element से बड़ा लगाव है .......blasphemy कानून उसे भी बहुत अच्छा लगता है ......... लाल मस्जिद से तक़रीर करते मुल्ले बड़े अच्छे लगते हैं .........

सोच के देखिये .....आपके पड़ोस में एक ऐसा कुनबा रहता है जिसमे 5-6 लोग बड़े उत्पाती हों ...... रोज़ आपके दरवाजे पे उत्पात करते हैं ........ किस से करोगे शिकायत ? किसके पास रोना रोओगे ? समझदार आदमी बाप के पास जाएगा ...... बाप हाथ खड़े कर देगा .........भैया मैं क्या करूँ ....लौंडे मेरे कहने में नहीं हैं . ऐसे में कोई दबंग होगा तो एक एक करके सबको पीट के शुद्ध करेगा .......
पर दबंग होगा तो ........

भारत पकिस्तान से all out युद्ध करने की स्थिति में नहीं है ....न आर्थिक रूप से न सैनिक तैयारी में ...........युद्ध किसी समस्या का हल भी नहीं ......... पकिस्तान को सिर्फ छद्म युद्ध और कूटनीति से परास्त किया जा सकता है ...... कूटनीति और छद्म युद्ध के संकेत मोदी ने अजित डोभाल को रक्षा सलाहकार बना कर दे दिए हैं ........ इराक में हालिया कूटनीतिक सफलता में अजित डोभाल का बहुत बड़ा रोल रहा .......... मोदी पकिस्तान से कूटनीतिक लड़ाई लड़ेंगे ......... मीडिया और भारतीय जनता को साथ देना होगा ......इराक में इतना कुछ हुआ ........ किसी को कानोकान खबर तक न होने दी, न मीडिया में चर्चा होनी दी ......... सबको डंडे से चुप कराया मोदी ने ......

साल दो साल बाद पाकिस्तानी फ़ौज भी इराक की तरह दो फाड़ हो जाए तो मुझे बहुत ताज्जुब नहीं होगा ......... पकिस्तान इराक बनने की राह पे चल रहा है ....... मोदी समय लेंगे पर पकिस्तान का परमानेंट इलाज करेंगे .........

मोदी होमियोपैथी में भरोसा करते हैं ........रोग को मीठी गोली दे के मारो ..........


एक दूसरी पोस्ट पे भाई Mohd Hashim से कमेंट बॉक्स में गरमा गर्म बहस चल रही है ........... किसी एक कमेंट में मैंने लिख दिया की आप 20 नहीं 14 करोड़ हैं .......हाशिम भाई फरमाते हैं की यूँ तो हम खुद को 200 करोड़ मानते हैं .

हाशिम भाई से मैंने कहा की यहीं तो आप चूक गए .......आपकी गलत फहमी है की आप 200 करोड़ हैं . यही आपकी समस्याओं की मूल जड़ है . खुद को 200 करोड़ मानना . यदि आप अपने आपको 125 करोड़ मानने लगें तो आपकी सारी समस्याएं खुद ब खुद हल हो जाती हैं . आप या तो 14 करोड़ मानते हो खुद को या 200 करोड़ ........

इराक में जो कुछ हुआ उसे देख कर तो कम से कम हिन्दुस्तानी मुसलमान की आँखें खुल जानी चाहिए ......... उसे ये समझना चाहिए की जो इज्ज़त और मान सम्मान यहाँ हिन्दुस्तान में हासिल है वो और कहाँ मिलेगा .......पकिस्तान में ? जनाब आपके भाई जो वहाँ गए उन्हें आज भी मोहाजिर कहा जाता है और वो B ग्रेड citizens की तरह ट्रीट किये जाते हैं .......... इसके अलावा जितने भी मुस्लिम देश हैं या वो तमाम देश जहां मुसलमान रहते हैं , वहाँ तुम्हे कोई घुसने नहीं देगा .....कुत्ते की तरह दुत्कारे जाते हो ........... भगा दिए जाते हो ........ deport कर दिए जाते हो .......अगर कहीं चले भी गए , छुप छुपा के रहने भी लगे तो कब कोई जिहादी , कोई ISIS .........शिया सुन्नी के नाम पे ......... दाऊदी , बोहरे , अहमदिया के नाम पे रेत देगा ............रेगिस्तान की गर्म रेत में ........घुटनों के बल बैठे ..........हाथ पीछे बंधे ............वो तमाम लोग मुसलमान ही थे और वो जो पीछे खड़े थे हाथों में AK47 लिए और लंबा वाला छुरा लिए ......... वो भी मुसलमान ही थे ......रेतने से पहले कलमा पढ़ रहे थे ....अल्लाह हो अकबर के नारे लगाते ...........

एक बार मौलाना महमूद मदनी का एक इंटरव्यू आ रहा था टीवी पे ........ उन्होंने एक बहुत अच्छी बात कही . कहते हैं की तमाम बातों के बावजूद हिन्दुस्तानी मुसलामानों को ये समझना चाहिए की इस पूरी कायनात में , ये सर ज़मीने हिन्द ही एकमात्र ऐसी धरती है जहां वो पूरी इज्ज़त से , हक से , चैन से , सुख शांति से रह सकते हैं और फल फूल सकते हैं , तरक्की कर सकते हैं और पूरी आजादी से , निर्भय होकर अपने मजहब का पालन कर सकते हैं ..........

सारा खेल नंबर का है ......अरे भैया छोडो 14 करोड़ को और 200 करोड़ को .....खुद को 125 करोड़ कहना शुरू करो ...........

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