Saturday, August 9, 2014

आइये आपको एक फिल्म दिखाता हूँ ........

पहला दृश्य ...... 15 अगस्त 2014 को मोदी को लाल किले से मोदी देश भर में गोहत्या पे पूर्ण प्रति बंध लगा देते हैं । गो भक्त ख़ुशी से नाचने लगते हैं ।

दूसरा दृश्य ...... गाँव में एक किसान के पास 2 गाय ,1 बछिया और 1 बछड़ा है । किसान की रोजी रोटी दूध बेच के चल रही है

तीसरा दृश्य ...... 15 अगस्त 2015 ...... बछड़ा अब बड़ा हो गया है । किसान ने बछिया बेच दी है । दोनों गायों के नए बच्चे हो गए हैं । फिर एक male एक फीमेल ........

चौथा दृश्य ........15 अगस्त 2016 .........अब किसान के पास 2 गाय , दो सांड ( male cow ) हैं । एक गाय बेच दी है । सांड या बैल कोई खरीदता नहीं और गो हत्या पे प्रतिबन्ध है । किसान का सब गणित फेल हो चूका है । जितने का दूध बिकता है उस से ज्यादा दोनों सांड और गाय खा जाती है ।

पाचवा दृश्य ....... 15 अगस्त 2019 ......

.पिछले 5 सालों से जबसे मोदी आये हैं ......किसान के पास अब 5 सांड हैं जिन्हें न वो खिला सकता है न हटा सकता है । गो पालन उसके सिर का बवाल बन गया है ...... जो 4 पैसे दूध बेच के कमा लेता था वो आमदनी कब की ख़तम हो गयी । दरवाजे पे जो 5 सांड खड़े हैं उनका क्या करे । कैसे खिलाये । उन्हें कहाँ छोड़ के आये । पूरे गाँव में कुल 500 सांड हैं । पूरे गाँव की कृषि अर्थव्यवस्था इनके कारण चौपट है । इनको बाँध नहीं सकते । खुला छोड़ नहीं सकते । 500 सांड चराने के लिए कम से कम 100 बीघे का चारागाह चाहिए हर गाँव में ।

देश में कुल 10 करोड़ से ज्यादा female adult cow आज हैं 2014 में । वो हर साल 5 करोड़ बछड़े पैदा करेंगी । 2019 तक इनकी संख्या कम से कम 20 करोड़ हो जाएगी । देश की सारी कृषि उपज खा जायेंगे जनाब ......होश में बात कीजिये । गो रक्षा की बात करना बहुत आसान है । पहले ये बताइए की हर साल जो 5 करोड़ नए सांड तैयार होंगे उनका क्या होगा ? कौन खिलायेगा ? उनकी उपयोगिता क्या होगी ? कृषि अर्त्व्यवस्था पे उनका कितना बोझ आएगा . आज भूसा 6 रु किलो है । जिस दिन देश में 20 करोड़ सांड और 5 करोड़ बूढी गायें होंगी .....कहाँ से आएगा इतना भूसा ? हरा चारा ? आज भूसा बड़ी मुश्किल से पूरा होता है ...... तब क्या होगा ? आज का किसान एक पशु पाल के खुश नहीं । 5 सांड कैसे पालेगा ?

गो रक्षा के ढोंगियों ......है कोई जवाब ? सिर्फ नारे बाजी मत करना comment box में । कोई ठोस हल देना । सिर्फ गाल मत बजाना । तर्क देना ।

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