१३ अगस्त २०१४
परसों जालंधर से आते हुए गाडी में FM रेडियो बज रहा था . तमाम गानों के बीच एक कार्यक्रम में " उमराव जान " का वो गीत ........ जुस्तजू जिसकी थी उसको तो न पाया हमने ...... बजने लगा ....... अचानक यूँ लगा की किसी ने दिल के तार छेड़ दिए ......... 1982 में आयी थी उमराव जान ........ आज ३२ साल बाद भी उसका संगीत ....... वाह......क्या बात है ...... कितना ताज़ा सा लगता है ....... कभी पुराना नहीं पड़ सकता ....
टीवी पे एक बार किसी कार्यक्रम में रेखा जी ने कहा की " उमराव जान " सबसे पहले मुज़फ्फर अली साहब की फिल्म थी .............फिर खय्याम साहब की ....... फिर आशा जी ......... मेरा नंबर तो शायद इन तीन महान विभूतियों के बाद ही आयेगा ......... भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की महानतम रचना है " उमराव जान " ......... कहानी , संवाद , पटकथा , उसका कला पक्ष , costumes , sets, अभिनय , गीत , संगीत , नृत्य .......सभी बेजोड़ थे ..........
जिन लोगों ने नहीं देखी है उमराव जान उन्हें तुरंत देखनी चाहिए .......... नयी उम्र के लोग कृपया ध्यान दें ....यहाँ चर्चा असली " उमराव जान " की हो रही है ......ये JP Dutta वाली ऐश्वर्या राय , अभिषेक बच्चन , अनु मलिक वाली फर्ज़ी umrao jaan नहीं ..........
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