Saturday, August 9, 2014

दो दिन से facebook से तो दूर हूँ पर जिहाद चालू है ......... मैंने देखा है की मैं भी सच्चा जिहादी हूँ ..........कुछ भी हो जाए , जिहाद करने से बाज नहीं आता .

बिटिया को armpit में दर्द था . मेडिकल college में मेडिकल स्पेशलिस्ट को दिखाया . lady doctor थी ....... सारे tests और ultrasound कराने के बाद उन्होंने सर्जरी की सलाह दी .......
किसी अच्छे डॉक्टर से सर्जरी कराइये ............
मैंने कहा ये मेडिकल college है .....यहाँ तो एक से एक बढ़िया सर्जन होंगे .......
नहीं ये complicated केस है ........किसी auxiliary specialist से करवा लीजिये .....
शहर में कौन है auxiliary specialist ...............
डॉक्टर साहिबा ने एक प्राइवेट अस्पताल का नाम बता दिया .......वहाँ चले जाइए .....वहाँ फलाने डॉक्टर साहब होंगे ....उनसे मेरी बात करा दीजिएगा .........

उस प्राइवेट अस्पताल में पहुंचे भैया ......100 रु की पर्ची कटवाई ......मिले डॉक्टर साहब से ......
MRI करवा के लाओ ........ 4000 रु ........
सर्जरी में कितना पैसा लगेगा ........
35000........... दवा का खर्च अलग से ..........

मैंने बिटिया से कहा ......बेटा second opinion ज़रूर लेनी चाहिए ........
वापस आये medical college .....सर्जिकल OPD में आये ....... वहाँ एक डॉक्टर साहब थे .......उनको दिखाया ........उन्होंने कहा , मामूली सी चीज़ है ........ simple सा procedure है .......निकाल देंगे ......
मैंने कहा .......पर मैंने तो सुना है की आपके डिपार्टमेंट में तो बड़े नाकाबिल , नकारा surgeons हैं ........ डॉक्टर साहब हक्का बक्का .....क्या हुआ भैया .........मैंने उन्हें बताया की आपके अस्पताल की मेडिकल specialist तो आपके मरीज़ बाहर किसी प्राइवेट अस्पताल में भेज रही है .....आपका Deptt of Medicine तो surgical deptt से ओपिनियन तक लेना ज़रूरी नहीं समझता ......
डॉक्टर साहब मुझे और बिटिया को अपने HoD के पास ले गए ....... पूरी बात बतायी ........उन्होंने कहा लिख के दीजिये ..........

हमने बनाया एक वकील की तरह पूरा केस ......... सारी पर्चियां , सारी रिपोर्ट्स और अस्पताल के prescriptions .........और उस प्राइवेट अस्पताल के पर्चे ...... और पहुँच गए director - principal के पास ........ ये क्या हो रहा है मैडम आपके college में .........कितना commission मिलता है उस प्राइवेट अस्पताल से .........तुमने क्यों खोल रखा है deptt of surgery ? बंद करो उसे ........

director प्रिंसिपल ने तुरंत तीन मेम्बेर्स के कमिटी बना कर जांच बैठा दी ........... आज बुलाया गया मुझे .......मेरा बयान हुआ ........ और उन डॉक्टर साहिबा की हमने वो गति बनायी की उनकी तो सात पुश्त याद रखेंगी ..........किसी आदमी से पाला पडा है ........

फिलहाल उन्हें show cause नोटिस मिल गया है .......... जो इलाज यहाँ इस सरकारी मेडिकल college में लगभग दस हज़ार में हो जाएगा वही इलाज वहाँ 50000 में कराने का जुगाड़ बना रही थी डॉक्टर साहिबा .........



बिटिया का इलाज करा रहा हूँ .......सर्जरी हुई है ........प्रतिदिन औसत 2000 की दवा लग रही है ........450 - 450 के तो दो antibiotics ही लगते हैं सुबह शाम ....... सारे बिल सम्हाल के रखे हैं .......सारी दवाइयां अस्पताल में ही स्थित फार्मेसी से ली गयी हैं .........बिटिया जब घर चली आएगी तो एक जिहाद और चलाना है .......... दवाओं का जो दाम MRP है और होलसेल मार्किट में उसी दवा का क्या दाम है .......कितने का अंतर है ? क्या उन दवाओं की जगह जेनेरिक दवाइयां भी लिखी जा सकती थी ? उन जेनेरिक दवाओं का क्या दाम होता ........ डॉक्टर रुपी भगवानों ने मुझे कितना लूटा ........

ये सारा ब्योरा आपके सामने अगले कुछ दिनों में प्रस्तुत करूंगा ........कई फेस्बुकिये मित्र इसमें मेरी मदद करेंगे ......... अब एक हफ्ते यही अभियान चलेगा ...........

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