एक माँ थी .उसके दो बेटे थे , बड़ा बेटा Girdharilal Goyal शहर में रहता था और नौकरी करता था .उसके वहाँ शहर में 3 BHK फ्लैट था , जहां वो अपने बीवी बच्चों के साथ सुख पूर्वक रहता था ............ छोटा Ajit Singh Corrupt बेचारा गरीब किसान था और गाँव में रहता था ........... बड़ा बेटा अपनी माँ को बहुत प्यार करता था , पर वो रहती थी छोटे बेटे के पास गाँव में ही . बड़ा बेटा माँ को इतना प्यार करता था की हमेशा पर्स में फोटो लिए घूमता था . हर कमरे में माँ की फोटो लगी थी . सुबह उठता तो सबसे पहले माँ की फोटो ही चूमता चाटता था .............
माँ छोटे बेटे के पास रहती थी जो किसान था .......... वो माँ की कोई पूजा वूजा तो नहीं करता था , चूमता चाटता भी नहीं था ......... पर जितनी सामर्थ्य थी उतनी भर सेवा करता था ........ सुबह शाम नहलाता धुलाता , खिलाता पिलाता ........जितना भर बन पड़ता उतनी देख भाल करता ............
एक दिन मातृभक्त बड़ा बेटा गिरधारी लाल गोयल जब काम से वापस आया ....तो पत्नी बोली .......लो गाँव से पत्र आया है .....तुम्हारे छोटे भाई का है ....... पत्र खोल के पढ़ा ....... छोटे का था ........
आदरणीय बड़े भैया , ( Girdhari lal goyal जी )
आप तो जानते ही हैं की मेरी आर्थिक दशा अत्यंत दयनीय है ........ किसी तरह बस गुज़ारा कर रहा हूँ ......... खुद की रोटी का ठिकाना नहीं है ..........माँ को कहाँ से खिलाऊँ ......... अब तो लगता है की माँ मर जायेगी ( कसाई को दे देनी पड़ेगी ) . मुझे मालूम है की आप माँ को कितना प्यार करते हैं . आपके पर्स में हमेशा माँ का फोटो रहता है . पूजा घर में भी आपने उसका फोटो लगा रखा है . दुनिया कुछ भी कहे ( कि ढोंग है ) पर मैं जानता हूँ की माँ के प्रति आपका प्रेम वाकई सच्चा है .......... इस से पहले की माँ मर जाए , आपसे निवेदन है की आप इन्हें आ कर ले जाइए ........
आपका नालायक भाई
Ajit singh corrupt
पत्र पढ़ कर गिरधारी की आँखों से अश्रु धारा बह चली ......माँ माँ कह के विलाप करने लगे ..... तुरंत पर्स से फोटो निकाला ........ और माँ का फोटो ताबड़ तोड़ चूमने लगे .......... पत्नी और बच्चे भी आ गए ....वो सब भी भोकर भोकर के रोने लगे ........... मोहल्ले में हडकंप मच गया ........पूरे शहर में खबर आग की तरह फ़ैल गयी .......गिरधारी की अम्मा सीरियस हैं ........सांत्वना देने वालों की लाइन लग गयी ......... कौन से अस्पताल ( बूचड़ खाने ) में भर्ती हैं अम्मा ....... गिरधारी फिर भोकर के रोने लगे ......... माँ माँ कह के विलाप ( प्रलाप ) करने लगे .........घंटा दो घंटा नाटक तमाशा चला . फिर सब अपने अपने घर गए .......... गिरधारी AC चला के सोने चले ......... पत्नी ने पूछा ? अम्मा का क्या करेंगे ......... वैसे अम्मा है तो बड़े काम की चीज़ ....पर ये अजित सिंघवा साला है ही नालायक ......... एक माँ है ......उसकी सेवा नहीं हो रही साले निकम्मे नालायक से ........ अब हमारी तो मजबूरी है ....शहर में कैसे ले आयें अम्मा को ........ गिरधार फिर भावुक हो गए ....सुबकने लगे और सुबकते सुबकते ही सो गए .........
अगली सुबह गिरधारी ने अम्मा की फोटो पे माला डाल दी ..............
माँ छोटे बेटे के पास रहती थी जो किसान था .......... वो माँ की कोई पूजा वूजा तो नहीं करता था , चूमता चाटता भी नहीं था ......... पर जितनी सामर्थ्य थी उतनी भर सेवा करता था ........ सुबह शाम नहलाता धुलाता , खिलाता पिलाता ........जितना भर बन पड़ता उतनी देख भाल करता ............
एक दिन मातृभक्त बड़ा बेटा गिरधारी लाल गोयल जब काम से वापस आया ....तो पत्नी बोली .......लो गाँव से पत्र आया है .....तुम्हारे छोटे भाई का है ....... पत्र खोल के पढ़ा ....... छोटे का था ........
आदरणीय बड़े भैया , ( Girdhari lal goyal जी )
आप तो जानते ही हैं की मेरी आर्थिक दशा अत्यंत दयनीय है ........ किसी तरह बस गुज़ारा कर रहा हूँ ......... खुद की रोटी का ठिकाना नहीं है ..........माँ को कहाँ से खिलाऊँ ......... अब तो लगता है की माँ मर जायेगी ( कसाई को दे देनी पड़ेगी ) . मुझे मालूम है की आप माँ को कितना प्यार करते हैं . आपके पर्स में हमेशा माँ का फोटो रहता है . पूजा घर में भी आपने उसका फोटो लगा रखा है . दुनिया कुछ भी कहे ( कि ढोंग है ) पर मैं जानता हूँ की माँ के प्रति आपका प्रेम वाकई सच्चा है .......... इस से पहले की माँ मर जाए , आपसे निवेदन है की आप इन्हें आ कर ले जाइए ........
आपका नालायक भाई
Ajit singh corrupt
पत्र पढ़ कर गिरधारी की आँखों से अश्रु धारा बह चली ......माँ माँ कह के विलाप करने लगे ..... तुरंत पर्स से फोटो निकाला ........ और माँ का फोटो ताबड़ तोड़ चूमने लगे .......... पत्नी और बच्चे भी आ गए ....वो सब भी भोकर भोकर के रोने लगे ........... मोहल्ले में हडकंप मच गया ........पूरे शहर में खबर आग की तरह फ़ैल गयी .......गिरधारी की अम्मा सीरियस हैं ........सांत्वना देने वालों की लाइन लग गयी ......... कौन से अस्पताल ( बूचड़ खाने ) में भर्ती हैं अम्मा ....... गिरधारी फिर भोकर के रोने लगे ......... माँ माँ कह के विलाप ( प्रलाप ) करने लगे .........घंटा दो घंटा नाटक तमाशा चला . फिर सब अपने अपने घर गए .......... गिरधारी AC चला के सोने चले ......... पत्नी ने पूछा ? अम्मा का क्या करेंगे ......... वैसे अम्मा है तो बड़े काम की चीज़ ....पर ये अजित सिंघवा साला है ही नालायक ......... एक माँ है ......उसकी सेवा नहीं हो रही साले निकम्मे नालायक से ........ अब हमारी तो मजबूरी है ....शहर में कैसे ले आयें अम्मा को ........ गिरधार फिर भावुक हो गए ....सुबकने लगे और सुबकते सुबकते ही सो गए .........
अगली सुबह गिरधारी ने अम्मा की फोटो पे माला डाल दी ..............
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