Monday, July 14, 2014

एक बार सुनते हैं की लन्दन शहर में बिजली का कोई ऐसा ब्रेकडाउन हुआ की पूरे शहर में 8-10 घंटे तक बिजली न रही . ये भी सुना है की लन्दन दुनिया का सबसे ज़्यादा सभ्य सुसंस्कृत शहर है . फिर सुनते हैं की ये हुआ की सभ्य सुसंस्कृत शहर के सभ्य लोगों को धीरे धीरे ये मालूम चल गया की आज बिजली नहीं है इसलिए चप्पे चप्पे पे लगे हुए CCTV कैमरे आज काम नहीं कर रहे हैं . बस उन्होंने सारी इमानदारी और सभ्यता ताक पे रख दी और फिर पूरे शहर में वो लूटपाट हुई की कब्र में लेटा महमूद गजनवी भी शर्मा गया होगा . भाई तो भाई बहना लोग भी और बूढी आंटियां भी अपनी कारों में लूट का सामान भर के ले जाती दिखी . इसे कहते हैं जनता पे ज़बरदस्ती थोपी गयी शराफत और सभ्यता . जैसे ही मौक़ा मिला , सारी सभ्यता घुस गयी तेल लेने और अन्दर का शैतान बाहर आ गया . मुझे ये समझ आया की सिर्फ पुलिस और CCTV कैमरे की निगरानी के कारण लोग मजबूरी में शरीफ बने हुए हैं .

अब इसके इतर भारत की तस्वीर देखिये . amnesty इंटरनेशनल के आंकड़ों में बेशक हम दुनिया के सर्वाधिक भ्रष्ट देशों में गिने जाते हों पर भारत की अधिकाँश जनता अभी भी बेहद इमानदार है . यहाँ CCTV तो छोडिये थाने तक में पुलिस नहीं है . हर हिन्दुस्तानी जानता है की हमारे यहाँ कोई पुलिस नहीं है और जो है वो एकदम निकम्मी है . कुछ नहीं करेगी ........फिर भी वो इस तरह कभी लूटपाट नहीं करता . इमानदारी मूलतः हमारे चरित्र में है . आम हिन्दुस्तानी यदि इमानदार है तो वो किसी CCTV कैमरे या पुलिस के दर से नहीं है . इमानदारी उसका मूल चरित्र है . उसका धर्म है . इसके लिए उसे किसी का भय नहीं चाहिए . इसमें जो भी क्षरण हुआ है वो अब भी दाल में नमक बराबर ही है . डंडे से बहुत दिन तक किसी को discipline में या इमानदार नहीं रखा जा सकता . ईमानदारी चरित्र में , स्वभाव में और संस्कार में होनी चाहिए .

दिल्ली में जब केजरीवाल ने सत्ता सम्हाली तो डंडे के बल पे भ्रष्टाचार दूर करने का प्रयास किया . उसके तात्कालिक परिणाम भी मिले . और वो नाल मढ़ाने लगे की देखो हमने 15 दिन में दिल्ली से भ्रष्टाचार ख़तम कर दिया . पर वो जैसे ही गए , स्थितियां पहले से भी बदतर हो गयी . भ्रष्टाचार का सांप जो डंडे के डर से बिल में छुपा हुआ था , फन काढ़े बाहर आ गया . डंडे से भ्रष्टाचार रोका जाए तो वो तुरंत रिजल्ट देगा , थोड़े समय के लिए तो कम होगा , पर जल्दी ही और विकराल रूप ले लेगा और वापस आ जायेगा .

मोदी ने गुजरात में काफी हद तक भ्रष्टाचार पे काबू किया . उसके लिए उन्होंने डंडे का सहारा नहीं बल्कि गवर्नेंस का सहारा लिया . प्रशासन में ऐसे सुधार किये की भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही न रही . इसके बाद टेक्नोलॉजी का सहारा लिया . अभी लोग कह रहे हैं की मोदी को रेल भाडा बढाने की बजाय रेल में व्याप्त भ्रष्टाचार पे नकेल कसनी चाहिए . रातों रात नकेल तो डंडे से कसी जायेगी . मोदी systemic changes ला कर भ्रष्टाचार से लड़ने में यकीन करते हैं . उसमे रिजल्ट धीरे धीरे मिलते हैं पर दूरगामी होते हैं . दीर्घकालिक होते हैं . इस तरीके से यदि भ्रष्टाचार दूर किया जाए तो वो वापस नहीं लौटता . कजरी हर समस्या में थूक से सटा के चिपका देते हैं ....मोदी समस्या की जड़ पे प्रहार करते हैं . इसलिए results आने में समय लगता है ......... धैर्य रखिये ........1000 दिन का समय दीजिये .

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