sex education .......
हर समाज की अपनी ज़रूरतें होती हैं . अपने मानदंड होते हैं . पश्चिम और पूर्व में ज़मीन आसमान का अंतर है ........ पश्चिम में 14 साल की लडकी जब अपने boyfriend के साथ डेट पे जाती है तो माँ उसके बैग में कंडोम डाल देती है , और उसे ये समझाती है की बिटिया , कंडोम का प्रयोग ज़रूर करना . स्कूल भी उसे 7th क्लास में ही ये समझाने लगता है ........condom क्यों ज़रूरी है . ये उस समाज की sex education है , जिसे वो बहुत ज़रूरी समझते हैं .
हमारे स्वस्थ्य मंत्री Dr Harshvardhan ये कहते हैं की schools में sex education में हमें पश्चिम को आँख बंद कर फॉलो करने की ज़रुरत नहीं है . हमारा समाज अलग है . हमारी ज़रूरतें अलग हैं . हमारे यहाँ सातवीं की लडकी को condom का महत्व पढ़ाने की ज़रुरत नहीं है . इसको पढ़ाने की ज़रुरत शायद BA या 12th में पड़े ......... महानगरों का कल्चर कस्बों और गाँवों से अलग है . वहाँ भी आवश्यकतानुसार इसे design करने की ज़रुरत है . sex education का syllabus design करते समय स्थानीय समाज की sensibilities को भी ध्यान में रखने की ज़रुरत है .
आप मुझे बताइए की Dr Harshvardhan ने इसमें क्या गलत कह दिया . हमारा मीडिया और विपक्ष Dr साहब के पीछे ऐसे पडा है मानो उन्होंने 16वीं सदी की बात कह दी हो .
हर समाज की अपनी ज़रूरतें होती हैं . अपने मानदंड होते हैं . पश्चिम और पूर्व में ज़मीन आसमान का अंतर है ........ पश्चिम में 14 साल की लडकी जब अपने boyfriend के साथ डेट पे जाती है तो माँ उसके बैग में कंडोम डाल देती है , और उसे ये समझाती है की बिटिया , कंडोम का प्रयोग ज़रूर करना . स्कूल भी उसे 7th क्लास में ही ये समझाने लगता है ........condom क्यों ज़रूरी है . ये उस समाज की sex education है , जिसे वो बहुत ज़रूरी समझते हैं .
हमारे स्वस्थ्य मंत्री Dr Harshvardhan ये कहते हैं की schools में sex education में हमें पश्चिम को आँख बंद कर फॉलो करने की ज़रुरत नहीं है . हमारा समाज अलग है . हमारी ज़रूरतें अलग हैं . हमारे यहाँ सातवीं की लडकी को condom का महत्व पढ़ाने की ज़रुरत नहीं है . इसको पढ़ाने की ज़रुरत शायद BA या 12th में पड़े ......... महानगरों का कल्चर कस्बों और गाँवों से अलग है . वहाँ भी आवश्यकतानुसार इसे design करने की ज़रुरत है . sex education का syllabus design करते समय स्थानीय समाज की sensibilities को भी ध्यान में रखने की ज़रुरत है .
आप मुझे बताइए की Dr Harshvardhan ने इसमें क्या गलत कह दिया . हमारा मीडिया और विपक्ष Dr साहब के पीछे ऐसे पडा है मानो उन्होंने 16वीं सदी की बात कह दी हो .
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