Monday, July 14, 2014

एक विकसित राष्ट्र की मेरी जो परिकल्पना है उसमे मैं ये सोचता हूँ की यदि मुझे रेल यात्रा करनी है तो मैं जब चाहूँ आराम से रेल में एक आरामदायक यात्रा कर सकूं ........ सुबह रिजर्वेशन कराऊँ और शाम को गाड़ी चढ़ जाऊं ....... इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए देश में जो वर्तमान रेल ढांचा है उसे कम से कम 5 गुणा बढ़ाना पडेगा . सभी प्रमुख रेल routes को 4 lane करना पड़ेगा और जो आज single tracks हैं उन्हें double करना पड़ेगा . UP बिहार जाने वाले routes पे तो हर आधे घंटे पे एक गाडी चलानी पड़ेगी ......... इसके लिए भारी निवेश की ज़रुरत है ......... जो शायद 10 लाख करोड़ से भी अधिक होगा ......... रेल यात्रा सस्ती नहीं अच्छी होनी चाहिए .......... वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दूं की जालंधर से सुल्तानपुर लोधी , दूरी 48 किलोमीटर ........... DMU से पहले किराया 8 रु था अब 9 रु हो गया है ......... आम तौर पे DMU से एक घंटा लगता है इस यात्रा में ........... वहीं बस से किराया है 55 रु और बस से समय लगता है डेढ़ घंटा .............

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