Monday, July 14, 2014

ये जो लोग आज रेल भाडा बढाए जाने का विरोध कर रहे आज सिर्फ उनसे मुखातिब हूँ 

.......... कभी रेल में चले हो भैया ? या बस यूँ ही गाल बजा रहे हो ...... जब दो महीना पहले भी नहीं मिलती है सीट किसी गाडी में , तो कभी तत्काल में रिजर्वेशन कराया है ??????? सुनते हैं की आजकल लोग रात में दो बजे लाइन में लग जाते हैं तत्काल के लिए जिस से की अगले दिन सुबह दस बजे सबसे आगे टिकट ले सकें .......उसके लिए 200 से 500 तक फालतू देने को तैयार रहते हैं एजेंट को .......या फिर यूँ ही वेटिंग के टिकेट ले के चलते है किसी स्लीपर क्लास डिब्बे में .........बदबूदार शौचालय के पास सपरिवार बैठ के , या चिरौरी करते सहयात्रियों की की बस किसी तरह बैठने भर जगह दे दे ......या फिर तेल लगाते है किसी TTE को की 200-500 ले ले सीट दे दे ....या फिर स्लीपर डिब्बे में घुसने भर दे ....नीचे बैठ कर चले जायेंगे ......... रेल की सस्ती यात्रा जिसमे मूल टिकट बस 300रु का होता है उसके लिए लोग 1000 तक खर्चने को तैयार रहते है ...........

अब आइये आपको ट्रेन में थोड़ा आगे लिए चलता हूँ , वहाँ जहां general डब्बे लगे होते हैं , जिन्हें आम भाषा में चालू डिब्बा कहते हैं लोग ...... UP बिहार बंगाल जाने वाली किसी गाडी के general डिब्बे में यात्रा करने के लिए नहीं कह रहा हूँ जनाब ....उस चालू डिब्बे के सामने मुझे सिर्फ 5 मिनट खड़े हो कर दिखा दीजिये .......आपको पता चल जायेगा की कैसे होती है एक सस्ती रेल यात्रा हम आम हिन्दुस्तानियों की .............

हे भैया मोदी ..........300 का 500 कर दो भैया , बल्कि 700 ले लो ....अरे छोडो....... तुम 1000 ले लो ......... , पर अगले 5-10 साल में कुछ ऐसा कर दो की आदमी आराम से , इज्ज़त से अमृतसर या दिल्ली मुंबई से भागलपुर चला आये ..........

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