Monday, July 14, 2014

जब कोई दुर्घटना हो जाये तो सरकार को गरियाने का चलन है । साईकिल वाला ट्रक से चपा जाए तो गलती truck वाले की ही मानी जाएगी । क्यों ? क्योंकि तू बड़ा है । साईकिल वाले को उपदेश देना तो शिर्क है । blesphemy । 

पर आप चाहे जितना गरिया लो ......ट्रक वाले की शाम तक जमानत हो जाती है । उसका कुछ नहीं बिगड़ता बेटा ........ पर तुम्हारी फोटो पे तो माला टंग जाती है । तुम्हे तो लोग खुरपी से खुरच के उठाते है सड़क पे । गरियाओ जितना गरिया सकते हो ट्रक वाले को । पर तुम्हारी तो हो गयी न तेरहवीं ........

24 बह गए नदी में । मीडिया एक सुर में गरिया रहा है वीरभद्र को और बाँध वालों को । लोग पूछ रहे हैं हूटर क्यों नहीं बजाया । अबे कितने हूटर लगे हैं लारजी से ले कर पंडोह तक ? हूटर बाँध पे बजा तो 2 km दूर सुनेगा ? या 12 km ? कहते है पर्यटकों के लिए बोर्ड क्यों नहीं लगाया ? कृपया नदी में न घुसें । कभी भी बहा सकती है . यही बोर्ड न ? जैसे ट्रेन में लिखा होता है ....... कृपया चलती ट्रेन में न चढ़ें । दरवाज़े पे खड़े हो कर यात्रा करना खतरनाक हो सकता है । रेलवे इतना लिख के पल्ला झाड लेती है । वो जानती है , कितना भी लिख लो फिर भी साले आवारा कुत्ते की तरह ट्रक के नीचे आ के मरेंगे ।
France में अगर लोगों को कुछ समझाना है तो हिंदी में लिखोगे तो समझ आएगा ? नहीं न ? French में लिखना पड़ेगा । उसी तरह हिन्दुस्तान में अगर 124 करोड़ अनपढ़ जाहिल को समझाना है तो क्या ऐसे समझेंगे ? कृपया दरवाज़े पे खड़े हो कर यात्रा न करें । ऐसा करना खतरनाक हो सकता है । भैया India में कोई नहीं समझेगा । यूँ लिखो ...... भोसड़ी के .....दरवाज़े पे मत खड़ा हो । मर जाएगा । हिमाचल में हर नदी में लिखवा दो ....... भोसड़ी के ..... नदी में मत घुस । बह जाएगा । इसमें पानी तेरे बाप से पूछ के नहीं आता है ।

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