Thursday, July 17, 2014

पकिस्तान और अन्य इस्लामिक देशों में एक कानून है जिसे ईश निंदा क़ानून कहते हैं . Blasphemy........ इसका आशय ये है की अगर कोई आदमी अल्लाह , उसके रसूल यानि मुहम्मद साहब और कुरआन शरीफ की यदि निंदा करता है या अपमान करता है तो उसी इस क़ानून के तहत मौत की सज़ा सुनायी जाती है ......... पकिस्तान में अक्सर ऐसी खबरें आती रहती हैं की मोहल्ले में दो पड़ोसियों की लड़ाई में ही एक आदमी ने पड़ोसन पे आरोप लगा दिया की इसने मुझसे लड़ते हुए मुहम्मद साहब को गाली दी ......... बस आरोप लगाना ही काफी है ....किसी गवाही की कोई ज़रुरत नहीं .....अदालत में जज साहब ने उस औरत को फांसी की सज़ा सुना दी ......... पंजाब प्रांत के गवर्नर Salmaan Taseer ने इस बचकाने मूर्खतापूर्ण क़ानून के खिलाफ आवाज़ उठायी तो उनके ही गार्ड ने उन्हें गोली मार दी . पूरे पाकिस्तान का हीरो बन बैठा . उसे पाकिस्तानी समाज ने ग़ाज़ी की उपाधि दे दी .......... क्या आलम था जहालत का ........ इस जहालत के खिलाफ मुह खोलने की हिम्मत पूरे पकिस्तान में किसी की न हुई . जो चंद समझदार लोग थे वो दुम दबाये घरों में छिपे बैठे रहे .

अब आप मुझे बताइये की इस से बड़ी जहालत कोई और हो सकती है क्या ? और जो समाज ऐसे कानून को बर्दाश्त करता है उसे आप क्या कहेंगे ?

हिन्दुस्तान में भी पिछले दो दिनों से कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिल रहा है . कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा , सीनियर नेता आनंद शर्मा , संसद में मांग कर रहा है की एक पत्रकार को गिरफ्तार किया जाए क्योंकि वो हाफिज़ सईद से मिल के आया है . टीवी पे यही मांग संजय निरुपम दोहरा रहे हैं . गाजीपुर से विगत लोक सभा चुनाव में AAP प्रत्याशी braj bhushan dube राष्ट्रपति को पात्र लिख के मांग कर रहे हैं की वैदिक को गिरफ्तार किया जाए .

किस जुर्म में भैया ? क्या गुनाह किया है पत्रकार ने ? क्या चार्ज लगाओगे उसपे ? कौन सी धारा लगा के करोगे गिरफ्तार ? अबे बाप का माल है क्या ? किस देश के कौन से क़ानून का उल्लंघन किया है पत्रकार ने ? किस किस को गिरफ्तार करोगे ? इस धरती पे ऐसे हज़ारों पत्रकार , फिल्मकार , लेखक , मनोवैज्ञानिक , researcher और वकील हैं जो दुनिया भर में हाफिज़ सईद से भी ज़्यादा खतरनाक अपराधियों से मिल के , उनका इंटरव्यू ले के , उनसे बात चीत कर के , उनके साथ खाना खा के , फोटो खिचवा के , इश्क फरमा के और यहाँ तक की pregnent हो के लौटे / लौटी हैं ............. किस किस को गिरफ्तार करोगे और किस जुर्म में करोगे ........... किसी चर्चा , परिचर्चा , सेमीनार , भाषण में , पैनल discussion में किसी विद्वान् को अपनी बात कहने के जुर्म में गिरफ्तार किया जाएगा .......और वो मांग भारत जैसे देश से उठेगी ? ईश निंदा कानून है क्या ? या फिर कश्मीर निंदा कानून ?

ऐ हिन्दुस्तानियों , जहालत में पकिस्तान से मुकाबला करना चाहते हो ? इतनी असहिष्णुता ? ऐसी सेंसरशिप ? वो भी पत्रकारों पे ? कहाँ गए प्रेस की स्वतन्त्रता के झंडा बरदार ?

बोल ........... कि लब आज़ाद है तेरे ..............

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